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अकाउंटेंट क्या हैं? व्यापार में अकाउंटेंट की क्या भूमिका है?

What is Accountant and their importance in business by Jain Account

आज कल accounting का डिमांड बहुत ज्यादा बढ़ रहा हैं। आज के युवाओं के लिए अकाउंट एक अच्छी Carrier opportunity हैं।

भारत में प्राइवेट कंपनियों के बढ़ते विस्तार और इन्वेस्ट कर रही अंतरराष्ट्रीय कंपनियों से अकाउंट इंडस्ट्री में डिमांड बढ़ गया हैं।

ऊपर से भारत में जीएसटी लागू होने के बाद से ही CA, CS, ICWA और Computer Accountancy की demand का ग्राफ तेजी से बढ़ता जा रहा हैं। जिससे काफ़ी स्टूडेंट इस फील्ड की और अग्रसर हो रहे हैं।

अगर आप भी उनमें से एक हैं। यदि आप भी एक professional accountant बनकर accounting के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं और जानना चाहते हैं कि – एक सफल ‘Accountant कैसे बनें?’

और आपके पास ज्यादा नॉलेज नही हैं। कि कोनसे फील्ड में जाना चाहिए या किस तरह की शिक्षा लेना चाहिए तो कोई बात नही। आप बिलकुल सही जगह पर आये हैं।

इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपके सारे सवालों के जवाब मिल जायेंगे। कॉमर्स के अधिकतर स्टूडेंट अकाउंट्स में जाना पसंद करते हैं। पर अगर अकाउंटेंट के लिए कॉमर्स सब्जेक्ट होना जरूरी नहीं हैं।

इसके साथ ही आपको अकाउंटिंग क्षेत्र से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां इस आर्टिकल में मिलेगी। तो जानते हैं accountant के बारे में विस्तार से।

Keywords
Who is accountant?
What Types of accountant exist in Industry in Hindi?
What is importance of education in accounting in Hindi?
What are the duties of an accountant?
What are the Job Roles of Accountant in Hindi?
How to Become a Accountant in Hindi?
Why should become an accountant?

अकाउंटेंट क्या है? What is accountant in Hindi? या
अकाउंटेंट कोन होता है? Who is accountant?

सही मायने में Accountant कोन होता हैं। ये जानने से पहले आपको Accounting का अर्थ पता होना होना चाहिए।

अगर आपको अकाउंटिंग का मतलब नहीं पता हैं। तो हमने अकाउंटिंग पर एक आर्टिकल लिखा हैं, उसे जरूर पढ़ें। अब जानते हैं अकाउंटेंट के बारे में।

Accounting के व्यवसायी और पेशेवरों को Accountant कहा जाता है। अकाउंटेंट को हिंदी में लेखाकार, लेखापाल या मुनीम कहा जाता हैं।

बड़े व्यवसायों और उन्हें नियोजित करने वाले संगठनों या व्यक्तिगत ग्राहकों के लिए वित्तीय कार्यों की एक विस्तृत श्रृंखला या वित्तीय रिकॉर्ड रखने और व्याख्या करने के लिए जिम्मेदार पेशेवर को लेखाकार या एकाउंटेंट होता हैं।

साधारण भाषा में किसी भी व्यवसाय या व्यक्ति का लेखा-जोखा रखने वाला व्यक्ति एकाउंटेंट हो सकता हैं। जो व्यवसाय बहीखाता या उससे संबंधित सभी सामग्री या डेटा को व्यवस्थित रखता हैं।

Accountant के प्रकार क्या हैं? What Types of accountant exist in Industry in Hindi?

आप लोगो के मन में ये सवाल जरूर आ रहा होगा की अकाउंटेंट के प्रकार क्या हो सकते हैं। अकाउंटेंट तो अकाउंटेंट होता हैं।

पर में यहा आपको एक बात बताना चाहूंगा कि अकाउंट के जेसे अकाउंटेंट के भी प्रकार होते हैं। चलिए जानते हैं। अकाउंटेंट कितने प्रकार के हो सकते हैं?

अलग अलग तरह के अकाउंटेंट का कार्य भी अलग हो सकता हैं। पर यह जरूरी नहीं की उनको कार्य के आधार पर बाटा गया हो।

हा, कुछ सरकारी नियम जरूर लगते हैं। जो अलग अलग अकाउंटेंट को उनके शिक्षा के आधार पर मिलते हैं। आइए जानते हैं इनके प्रकार:-

१. बुक कीपर या मुनीम (Book keeper)

बुक कीपर सबसे निम्न कैटेगरी का अकाउंटेंट होता हैं। जिनका कार्य व्यापार मैं वित्तीय जानकारी को मैनेज करना होता हैं। इन्हे हिंदी में मुनीम कहा जाता हैं।

२. Accountant या लेखाकार

Accountant का मुख्य कार्य व्यवसायिक रिकॉर्ड को व्यवस्थित रखरखाव से लेकर मूल्यांकन तक का होता हैं।

अकाउंटेंट में भी छोटे बड़े अलग अलग अकाउंटेंट होते हैं। जो कार्य को बाट देते हैं। जो निम्न हैं।

२.१ सामान्य लेखाकार या General Accountant

इनका कार्य मुनीम द्वारा व्यवस्थित डाटा को क्रमबद्ध तरीके से करना होता हैं। जिससे उनका विश्लेषण करना आसान हो। इसके लिए किसी उच्च शिक्षा की आवश्यकता नहीं होती हैं।

२.२ cost Accountant या लागत लेखाकार

यह किसी भी व्यापार के लिए उत्पादन प्रक्रिया से जुड़े सभी लागतों की पहचान कर रिकॉर्ड करने और भविष्य के व्यावसायिक निर्णय लेने में सहायक होते है।

२.३ Charted Accountant (चार्टेड अकाउंटेंट)

यह किसी भी व्यवसाय के बुक कीपर से लेकर लागत लेखाकार तक सबको गाइड कर सकते हैं। एक किसी भी व्यापार के लिए वित्तीय सहायता से लेकर टैक्स प्लानिंग तक के कार्य को देखते हैं।

“किसी व्यवसाय की ऑडिट सामान्य अकाउंटेंट नही कर सकते हैं। उनके लिए CA की आवश्यकता होती हैं।”

इनके अलावा और अकाउंटेंट भी होते हैं। जिनके बारे में हम आने वाले आर्टिकल में पढ़ेंगे।

अकाउंट में शिक्षा का इंपोर्टेंस क्या है? What is importance of education in accounting in Hindi?

अकाउंटेंट में शिक्षा का बहुत ज्यादा रोल होता हैं। कई कंपनी डिग्री के आधार पर जॉब देते हैं। कई इंस्टीट्यूट प्रोफेशनल अकाउंटेंट की शिक्षा देते हैं। जिनके बारे में हम विस्तार से दूसरे आर्टिकल में जानेंगे।

अकाउंटेंट की शिक्षा उसकी सैलरी पर भी प्रभाव डालती हैं। पर इसका मतलब यह नहीं कि उच्च शिक्षा के बिना आप अकाउंटेंट नही बन सकते।

अलग अलग कंपनी में अलग अलग शिक्षा की आवश्यकता होती हैं। अगर आपकी शिक्षा कम हैं तो भी आप अच्छी जॉब प्राप्त कर सकते हैं।

चलिए कुछ आसान टिप्स से समझते हैं-

उच्च वर्ग के व्यापार या गवर्नमेंट जॉब में शिक्षा का बहुत ज्यादा रोल होता हैं। यहां जॉब प्राप्त करने के लिए आपके पास प्रोफेशनल शिक्षा होना आवश्यक है। जैसे रिलायंस इंडस्ट्रीज, vipro,

Msme व्यापार या लघु उद्योग में शिक्षा का इतना महत्व नहीं होता हैं। इनमे निम्न शिक्षा वालो को भी जॉब आसानी से मिल जाता हैं। आपके पास अकाउंट का ज्ञान होना चाहिए। जेसे माध्यम वर्ग के व्यापार,

इसमें भी कुछ जगह प्रोफेशनल शिक्षा को देखा जा सकता हैं। परंतु उतना ज्यादा तरीके से नहीं।

अकांटेंट के कार्य क्या होते हैं? What are the duties of an accountant?

एक सक्षम अकाउंटेंट बनने के लिए आपके पास उच्च शिक्षा हो या नहीं परंतु अकाउंट के क्षेत्र में काम आने वाले कार्यों में मजबूत पकड़ होना चाहिए।

अकाउंटेंट को कई महत्वपूर्ण कार्य करने होते हैं। जो किसी भी व्यापार का संपूर्ण निचोड़ निकाल कर फाइनल रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं।

अकाउंटेंट की छोटी सी गलती कंपनी को जोखिम में डाल सकती हैं। बड़े व्यवसायों में इस बात का खास ध्यान रखा जाता हैं। निम्न व्यवसाय में रिस्क उतना नहीं होता हैं।

एक अकाउंटेंट के निम्न कार्य हो सकते हैं।

  • फाइल्स का रखरखाव।
  • अकाउंट की एंट्री सॉफ्टवेयर में करना।
  • वित्तीय विवरण तैयार करना।
  • टैक्स प्लानिंग करना।
  • टैक्स का विश्लेषण करना।
  • टैक्स फाइल्स करना।
  • वित्तीय रिपोर्ट तैयार करना।
  • लागत का मूल्यांकन करना इत्यादि।

आप इसमें से अपनी और कम्पनी की आवश्यकता अनुसार कार्य कर सकते हैं।

अकाउंटेंट के जॉब रोल्स क्या हैं? What are the Job Roles of Accountant in Hindi?

अकाउंटेंट के कई जॉब रोल्स होते हैं। जो किसी व्यक्ति की शिक्षा और अनुभव के आधार पर दिया जाता हैं।

  • Company Secretary कंपनी सचिव(CS)
  • Chartered Accountant चार्टर्ड एकाउंटेंट
  • Chief Financial Officer (CFO) मुख्य वित्तीय अधिकारी
  • Certified Public Accountant प्रमाणित सार्वजनिक एकाउंटेंट
  • Directors (Finance) निदेशक (वित्त)
  • Financial Advisors वित्तीय सलाहकार
  • Financial Controllers वित्तीय नियंत्रक
  • Finance Managers वित्त प्रबंधक
  • Senior Accountant वरिष्ठ लेखाकार
  • Accountant मुनीम
  • Junior Accountant कनिष्ठ मुनिम
  • Book Keeper बुक कीपर

हम इन रोल्स के बारे मे कुछ महत्वपूर्ण जानकारियो को आगे के आर्टिकल में बताएंगे

अकाउंटेंट कैसे बने? How to Become a Accountant in Hindi?

ध्यान रहे किसी भी व्यवसाय का लेखा – जोखा करने का कार्य काफी जिम्मेदारीपूर्ण होता है।

हालाकि इसमें विशेषज्ञता प्राप्त पेशेवरों को चार्टेड अकाउंटेड कहा जाता हैं। परंतु यहां हम बात कर रहे हैं सामान्य एकाउंटेंट की। किसी अन्य आर्टिकल में हम चार्टेड अकाउंटेंट और अन्य विशेषज्ञ को विस्तार से जानेंगे।

अगर आपके पास कोई विशेषज्ञता प्राप्त नही हैं। तो भी आप अकाउंट में अपना कैरियर बना सकते हैं। कई व्यवसाय सामान्य एकाउंटेंट को जॉब देते हैं।

इसके लिए आपको सिर्फ़ कोई भी अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर का कोर्स करना होगा। मार्केट में बहुत सारे अकाउंटिन सॉफ्टवेयर हैं। जैसे Tally Accounting Software।

आप किसी सीए के साथ काम करके भी अकाउंट सीख सकते हैं। इससे आपको मासिक सैलरी भी मिलेगी। और आपको अकाउंट का ज्ञान भी मिलेगा।

हालाकि स्टार्ट में सैलरी बहुत कम होता हैं। पर जब आप सीख जाते हैं। और अकाउंट में अच्छी कमांड बना लेते हैं। फिर आप किसी कम्पनी में जा सकते हैं।

इसके अलावा अलग अलग क्षेत्रों में विभिन्न सॉफ्टवेयर उपयोग में आते हैं। आप अपनी आवश्यकता अनुसार कोई भी सीख सकते हैं।

और Jain Account के ब्लॉग को भी पढ़ते रहे। इसमें आपको अकाउंटिंग और टैक्सेशन से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां मिलती रहेगी।

Accountant बनने के लिए आपको ज्यादा पैसा खर्च करने की भी जरूरत नहीं हैं। और ना ही accountant बनना ज्यादा मुश्किल है।

एक अकाउंटेंट को अपना कार्य समय के साथ सटीक और जिम्मेदारीपूर्वक करना होता है। Accountant का कार्य काफी दायित्व वाला होता है जिसे इन्हे तय समय सीमा के अंदर पूरा करना होता है।

एक अच्छा accountant बनने के लिए आपके पास account से सम्बंधित basic knowledge, कुछ महत्वपूर्ण स्किल्स, कड़ी मेहनत, कार्य के प्रति ईमानदारी और सीखने की जिज्ञासा होनी चाहिए।

याद रहे, इस क्षेत्र में सैद्धांतिक ज्ञान के साथ साथ practical ज्ञान भी होना आवश्यक है।

Accountant क्यों बनना चाहिए? Why should become an accountant?

आप में से काफी लोगो के मन में ये विचार जरूर आता होगा कि अकाउंटेंट क्यों बनना चाहिए? Accountant बनने से क्या फायदा होगा? क्या मुझे इसमें नौकरी मिलेगा या नहीं?

अगर आपके मन में भी यह विचार आ रहा हैं तो हम आपको बता दें कि आज के आधुनिक दौर में व्यापार जितना तेजी से बढ़ रहा हैं। अकाउंटेंट की डिमांड भी उतना ज्यादा बढ़ रहा हैं।

आज कल छोटे बड़े हर व्यापार में अकाउंटेंट की आवश्यकता होती हैं। अगर आप account को अपना कैरियर बना लेते हैं। तो आपको कम से कम 15000 की सैलरी आराम से मिल जाता हैं।

आपकी सैलरी इस बात पर भी निर्भर करती हैं। कि
आप किस शहर में जॉब कर रहे हो?
आप किस कंपनी में जॉब कर रहे हो?
आपका अकाउंट स्तर क्या हैं?

निष्कर्ष

आशा करता हूं कि आपको इस आर्टिकल में सामान्य अकाउंटेंट के बारे में जानकारी मिल गई होगी। आने वाले आर्टिकल में हम अकाउंटेंट के हर पार्ट को विस्तार से समझेंगे।

अगर आपको अकाउंटेंट से सबंधित कोई भी सवाल पूछना हो या हमारे ब्लॉग के लिए कोई उपयोगी राय हो तो कमेंट करके शेयर जरूर करें।

अकाउंट और टैक्सेशन से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त करने के लिए जैन अकाउंट ब्लॉग को फॉलो करें।

1 thought on “अकाउंटेंट क्या हैं? व्यापार में अकाउंटेंट की क्या भूमिका है?”

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