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ट्रेडमार्क में कितने प्रकार होते हैं? और उनके प्रकारों के बारे में संक्षिप्त विवरण।

How many types of trademark in Hindi?

जैसे जैसे ट्रेडमार्क की उपलब्धता बढ़ती गई। वैसे वैसे उनके व्यापार और गुणवत्ता को पहचान पाना मुश्किल होता गया।

इन मुश्किलों को अलग करने के लिए ट्रेडमार्क को अलग अलग प्रकार से विभाजित किया गया। ताकि उन्हें आसानी से पहचाना जा सके।

इससे उद्योगों द्वारा लगी ट्रेडमार्क पंजीकरण की होड़ में अद्वितीय रचनाओं को पंजीकरण करने के लिए अधिक विकल्प प्राप्त हो जाता हैं।

आज के दौर में हम ट्रेडमार्क के प्रतीको की बढ़ती जा रही संख्या में डूबे हुए हैं। लेकिन इनके पीछे की वास्तविकता हम में से काफी लोग नही जानते होंगे।

आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम ट्रेडमार्क के विभिन्न प्रकार को समझाने का प्रयास करेंगे। और उम्मीद है कि आपको ट्रेडमार्क के प्रकार समझ में आए।

अगर आपको ट्रेडमार्क के बारे में जानकारी नहीं है। तो आप हमारे ट्रेडमार्क संबंधित आर्टिकल पढ़ने के लिए यहां क्लिक करे।

जैसा कि आपको बताया गया कि ट्रेडमार्क को अलग अलग प्रकार से विभाजित किया गया। जिन्हे अलग अलग हिस्सों में बाटा गया हैं।

ट्रेडमार्क के सामान्य प्रकार

ट्रेडमार्क को शक्ति के आधार पर दो भागों में विभाजित किया गया हैं। जिसे ट्रेडमार्क के सामान्य प्रकार भी कहा जाता हैं।

  • Strong trademark.
  • Weak trademark.

१. मजबूत ट्रेडमार्क

ट्रेडमार्क्स की दुनिया में आपके व्यापार को सबसे अधिक सुरक्षा प्रदान करने वाले ट्रेडमार्क को मजबूत ट्रेडमार्क कहा जाता हैं।

ये ट्रेडमार्क आपके व्यापार के ट्रेडमार्क पंजीकृत ब्रांड को होने वाली किसी भी चोरी को सुरक्षित करते हैं। और बाजार में आपको सबसे अलग और आकर्षण प्रदान करते हैं।

इसके कुछ महत्वपूर्ण भाग हैं

  1. FANCIFUL TRADEMARK,
  2. ARBITRARY TRADEMARK AND
  3. SUGGESTIVE TRADEMARK.

A. काल्पनिक ट्रेडमार्क

यह पंजीकरण करने में सबसे आसान ट्रेडमार्क होते हैं। जो केवल एक नए शब्द की रचना मात्र से पंजीकृत हो जाते हैं। इनका लोगो के लिए वर्तमान में कोई अर्थ नहीं निकलता हैं। इसलिए ये भिन्न और मजबूत ट्रेडमार्क होते हैं।

B. मनमाना ट्रेडमार्क

स्थानीय भाषा से लिया गया शब्द या वाक्यांश एक मनमाना चिह्न हो सकता हैं। जिसका उत्पाद से पूरी तरह कोई संबंध नहीं होता हैं। जैसे एप्पल के नाम से मोबाइल ब्रांड बनाना। लक्जरी उपकरणों में शामिल इलेक्ट्रॉनिक उपकरण को फल के नाम से बेचा जाता हैं।

हालाकि इन शब्दों की कल्पना करते समय भी सांस्कृतिक स्वरूप पर भी विचार किया जाता हैं। और विशेष रूप से इस बात का ध्यान रखा जाता हैं कि इसका नाम उपयोगकर्ता को याद रखने में आसान हो।

हर व्यापार को काल्पनिक ट्रेडमार्क बनाते समय अध्ययन करना चाहिए। इससे होने वाले सकारात्मक और नकारात्मक परिणाम का आंकलन करना चाहिए। और आवेदन करने से पहले काल्पनिक अंकों के लिए सूचित पूर्वविचार भी करना चाहिए।

इसकी सफलता का एक मुख्य कारण इसका ब्रांड नाम भी हैं। जो इसे उपयोगकर्ता के बीच आकर्षण का केंद्र बनाता हैं। इसमें विज्ञापन रणनीतियों की लागत बढ़ जाती हैं।

C. सुझावात्मक या विचारोत्तेजक ट्रेडमार्क।

एक ट्रेडमार्क को योग्यता प्राप्त करने के लिए अनुपातिक स्तर की सरलता होना आवश्यक हैं। और विचारोत्तेजक में इस प्रकार के शब्द होने के कारण यह सबसे अधिक विशिष्ट और सुरक्षात्मक होता हैं।

ऐसे नाम किसी भी वस्तु या सेवा के गुणों को किसी शाब्दिक अर्थ का उपयोग न करके भी वस्तु से संबंधित कर लेते हैं। जैसे होटस्टार, नेटफ्लिक्स।

२. कमजोर ट्रेडमार्क।

व्यापार में कही ट्रेडमार्क समान होते हैं। जिनमे कुछ आसान अंतर होता हैं। जिसे उपयोगकर्ता द्वारा पहचान करना मुश्किल होता हैं। इस तरह के ट्रेडमार्क कमजोर होते हैं।

इसमे आपके ट्रेडमार्क में थोड़ी सी फेरबदल कर आपके वस्तु या सेवा को कॉपी किया जा सकता हैं। ट्रेडमार्क कानून से संरक्षित न होने के कारण इससे सुरक्षा की उम्मीद भी नहीं कर सकते हैं।

इसके कुछ महत्वपूर्ण भाग हैं।

  • Generic Trademark.
  • Descriptive Trademark.

A. जेनेरिक या सामान्य ट्रेडमार्क।

एक सामान्य ट्रेडमार्क किसी भी वस्तु के लिए तब तक योग्य नही होता जब तक उसमे कोई विशिष्ट विवरण शामिल न हो। और किसी विशेष गुणों का विवरण न होने के कारण इसमें सुरक्षा कम होती हैं।

उदाहरण के लिए
किसी कपड़े की दुकान के लिए उसके नाम से लिया गया ट्रेडमार्क बाकी कपड़ा बेचने वाली दुकानों को प्रतिबंधित नही कर सकता। जब तक उसमे आपके कपड़े के गुणों का विवरण न हो।

इस प्रकार के ट्रेडमार्क को बाजार में उपलब्धि हासिल करने के लिए लिया जाता हैं। ताकि बाजार में उनके वस्तुओं का मूल्य बढ़ सके।

B. वर्णनात्मक ट्रेडमार्क

किसी उत्पाद या सेवा के लिए एक से अधिक विशेषता की पहचान करने वाला चिह्न वर्णनात्मक ट्रेडमार्क होता हैं। यह केवल वस्तु या सेवा का परिचय देते हैं।

इसमें ट्रेडमार्क कानून से सुरक्षा नही मिलती हैं। काफी लोग बाजार में अपने ब्रांड नाम को विकसित करने के लिए इस प्रकार के ट्रेडमार्क का उपयोग करते हैं।

किसी भी उपभोक्ता को किसी भी चिह्न को उसके ब्रांड के साथ जानना जरूरी होता हैं।

ट्रेडमार्क के विशिष्ट प्रकार

ट्रेडमार्क को विशिष्ट प्रकार के आधार पर भी विभाजित किया गया है। यह निम्न हैं –

  1. Product Mark
  2. Service Mark
  3. Collective Mark
  4. Certification Mark
  5. Shape Mark
  6. Pattern Mark
  7. Sound Mark

१. उत्पाद चिह्न

किसी उत्पाद पर या उत्पाद के लिए उपयोग किया जाने वाला ट्रेडमार्क उत्पाद ट्रेडमार्क होता हैं। ताकि उपभोक्ता द्वारा उत्पाद की उत्पत्ति को आसानी से पहचाना जा सके। साथ ही यह व्यापार की प्रतिष्ठा बनाने में मदद करता हैं।

२. सेवा चिह्न

उत्पाद चिह्न के समान सेवा का प्रतिनिधित्व करने के लिए उपयोग होने वाला मार्क सेवा चिह्न होता हैं। ये किसी भी तरह के सेवा में आपको अलग महत्व प्रदान करता हैं।

३. सामूहिक चिह्न

उपभोक्ता को किसी वस्तु या सेवा की गुणवत्ता को बताने के लिए उपयोग होने वाला चिह्न सामूहिक चिह्न होता हैं। इसका उपयोग एक समूह द्वारा सामूहिक रूप से वस्तु या सेवा को सुरक्षा देने के लिए किया जाता हैं। यह एक गैर सरकारी संस्थान हो सकती हैं।

४. प्रमाणन चिह्न

यह किसी उत्पाद या सेवा की गुणवत्ता और उत्पति को प्रमाणित करने वाला संकेत होता हैं। जो उत्पाद के मालिक द्वारा जारी किया जाता हैं। यह चिह्न उत्पाद पर मानक परीक्षण होने के बाद प्राप्त होते हैं।

इसका उद्देश्य उपभोक्ता को उत्पाद की गुणवत्ता के बारे में जानकारी बताना होता हैं। जैसे ISI मार्क।
यह अधिकतर खाद्य पदार्थ और चिकित्सा क्षेत्र में उपयोग किया जाता हैं।

५. आकार चिह्न

किसी भी उत्पाद के आकार को सुरक्षा प्रदान करने के लिए इस चिह्न का उपयोग किया जाता हैं। ताकि उपभोक्ता इसे निश्चित उत्पत्ति से संबंधित पाकर उत्पाद को खरीदते हैं।

इस प्रकार के उत्पाद की ब्रांड के साथ साथ विशिष्ट आकार की पहचान होती हैं। इसलिए इसका पंजीकृत कराया जाता है। जैसे कोका कोला।

६. प्रतिरूप चिह्न

इस प्रकार के चिह्न में अद्भुत प्रकार के डिजाइन किए गए होते हैं। जो किसी उत्पाद की विशिष्ट गुणों को सामने लाते हैं। इसलिए इसे पंजीकृत करने के लिए प्रमाण की आवश्यकता होती हैं। इसमें विफल होने पर उत्पाद को प्रतिरूप चिह्न से खारिज कर दिया जाता हैं।

७. ध्वनि चिह्न

ध्वनि चिह्न किसी भी उत्पाद या सेवा में पंजीकृत ध्वनि होती हैं। जिसे उपयोगकर्ता सुनकर उत्पाद की उत्पत्ति की पहचान करने में सक्षम होते हैं। इस प्रकार की ध्वनि चिह्न को व्यापार क्षेत्र में आरंभ या अंत में उपयोग किया जाता हैं। जैसे टाटा डोकोमो की रिंगटोन।

आशा करते हैं कि इस लेख में आपने ट्रेडमार्क के प्रकार को बारीकी से समझा होगा। आने वाले लेखों में हम ट्रेडमार्क के कानूनी सुरक्षा, महत्वता और इनसे जुड़े सभी कारकों के बारे में चर्चा करेंगे।

अकाउंट और टैक्सेशन संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे ब्लॉग को फॉलो करें।

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