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Accounts: Introduction of Accounts in Hindi and their Types

What is accounts in Hindi? All details by Jain Account

किसी भी व्यापार को व्यवस्थित रूप से चलाने के लिए उसका हिसाब रखना या Accounts करना बहुत ज्यादा जरूरी होता हैं। प्राचीन काल से ही मानव संसाधनों का हिसाब किताब रखता आया हैं। धीरे धीरे वक्त बदलता गया और इंसान का काम टेक्नोलॉजी ने आसान कर दिया। 

हिसाब किताब को व्यवस्थित करने के लिए अलग अलग सॉफ्टवेयर आ गया। जैसे Tally ERP.9 । जो लोग कॉमर्स या व्यवसाय के क्षेत्र से होते हैं। अकाउंट क्या होता हैं? उनके लिए ये सवाल कोई मतलब नहीं रखता। पर आज भी कई लोग ऐसे भी हैं, जिन्हे अकाउंट का मतलब भी नही पता हैं। 

कई सर्वे के बाद हमे पता लगा की ३०-४०% लोग वास्तव में नही जानते हैं। कि अकाउंट क्या है। ये शिक्षा के निम्नतम स्तर को दर्शाता हैं। हालांकि ऑनलाइन इसके कही जानकारी मिल जाती हैं। फिर भी काफ़ी लोगो को पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाती हैं। 

इसलिए हम पूरा स्टेप बाई स्टेप कोर्स लेकर आ रहे हैं। जिसमे आप अकाउंट में जीरो से हीरो बन सकते हैं। इस कोर्स को कंप्लीट करने के बाद आपको अकाउंट सबंधित कोई समस्या नहीं होगी। 

अगर फिर भी आपको कोई समस्या होती हैं तो आप कमेंट में पूछ सकते हैं। या हमारी सपोर्ट टीम से मदद ले सकते हैं। कुछ चीजे हो सकता हैं आपने पहले सुनी हो या देखी हो पर हम आपको शुरु से लेकर अन्त तक पूरा विस्तार से बताएंगे

सबसे पहले जानेंगे की अकाउंट होता क्या हैं? उसके बारे में विस्तार से जानते हैं कि अकाउंट किसे कहा जाता हैं। (What is Account in Hindi?)

लेखांकन क्या होता हैं? (What is accounts in Hindi?)

अकाउंट को हिंदी में लेखांकन कहा जाता हैं। यह आपके व्यापार की व्यवस्था को सुचारु रुप से चलाने का एक अंग होता हैं। जैसे आपका दिमाग आपके शरीर को मैनेज करता हैं। वैसे ही अकाउंट किसी भी बिजनेस या व्यापार को चलाने में अहम भूमिका निभाता है। 

लेखांकन, लेख और अंकन से मिलकर बना एक शब्द है। जिसका अर्थ होता हैं अंको को लिखना। अर्थात किसी भी व्यापार में हो रहे आदान प्रदान को अंको में लिखना।

इसे और आसानी से समझने के लिए हम एक उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। मान लीजिए आपकी कोई छोटी किराने की दुकान हैं। अब पूरे दिन में आप उसमे से कही सामान बेचते हैं। कुछ नया सामान खरीदते भी हैं। 

जिसके बदले आप पेसो का आदान प्रदान भी करते हैं। पूरे दिन के बाद आप अपने दुकान के दिनचर्या की गणना करते हैं। ओर कितना पैसा आया, कितना गया, कया माल़ खरीदा और बेचा। कितना समान दुकान के अंदर बचा हैं। 

इसी चीज को लोकल भाषा में हिसाब किताब रखना ओर प्रोफेशनल भाषा में अकाउंटिंग बोलते हैं। 

साधारण भाषा में अकाउंट की परिभाषा (definition of accounting in Hindi)

किसी भी व्यापार में उपयोग होने वाले सभी साधनों को व्यवस्थित रूप से एक क्रम में रखकर उनसे होने वाली लाभ-हानि का विश्लेषण करना ही अकाउंट होता हैं। यह एक रिकॉर्ड होता हैं, जो व्यापार में हो रही गतिविधियों को ट्रैक करता हैं। लेखांकन व्यवसाय से संबंधित वित्तीय लेनदेन को रिकॉर्ड करने की प्रक्रिया है।

स्मिथ और एशबर्न के अनुसार लेखांकन विज्ञान और कला का संगम हैं। जिसमे व्यवसायिक गतिविधियों का अभिलेखन और वर्गीकरण करने का विज्ञान है तो इनका विश्लेषण कर परिणामों को प्रस्तुत करने की कला भी हैं।

लेखांकन का इतिहास क्या हैं? (What is history of accounts in Hindi)

Accounts हमारे जीवन में खासकर व्यापारी लोगो के लिए बहूत महत्वपूर्ण है। पुराने जमाने में जब कंप्यूटर और टेक्नोलॉजी नही था, तब भी व्यापार का हिसाब किताब रखा जाता था। महान पंडित चाणक्य ने अर्थव्यवस्था को लेकर एक पुस्तक भी लिखी हैं। 

जो किसी राज्य को सुचारु ढंग से चलाने में बहुत उपयोगी साबित होती हैं। और महान आर्यभट्ट ने तो सम्पूर्ण विश्व को जीरो या शून्य देकर अकाउंट को डेवलप किया था। आपने अपने घर में या कहीं दुकान में लोगो को लाल रंग की बडी डायरी में लिखते हुए तो देखा होगा। 

वह खाताबही होती हैं। जिसमे काफ़ी समय से लोग हिसाब किताब रख रहे हैं। अब तो कम्प्यूटर का जमाना हैं। आने वाली पीढी इसको भूल जाए। पर इतिहास के पन्ने में हमेशा रहेगी।

भारतीय संस्कृति के वेदानुसार समस्त मानव जाति को लेखांकन का ज्ञान भारतीयों ने ही दिया था। जिनके अनुसार विक्रय शब्द अथर्ववेद और शुल्क शब्द ऋग्वेद से लिया गया है। और टैक्स भी धर्म सूत्र का ही दुसरा नाम हैं।

विज्ञान के अनुसार अकाउंट के पहले अवशेष बेबीलोन में मिले, जो लगभग ७००० से भी अधिक वर्ष पूर्व के हैं। जिनके अनुसार उस समय के लोग ऋतुओं और जानवरों और अन्य चीजों को याद करने के लिए रिकॉर्ड करते थे। इसके बाद और भी कहीं अवशेष मिले हैं और तब से अब तक अकाउंट का इतिहास चला आ रहा हैं। 

लेखांकन के फायदे क्या होते हैं? ( What are Benefits of Accounts in Hindi?)
या
What are the benefits of accounting to a business in Hindi? 

अगर आप कॉमर्स के स्टूडेंट हैं या व्यापार से सम्बंध रखते हैं। तो आपको उसकी जानकारी जरुर होगी, अगर नही है तो होनी चाहिए। और अगर आप अकाउंट में भविष्य (future) बनाने का सोच रहें हैं।

तो आपको भी इन फायदों के बारे में जान लेना चाहिए। वैसे देखा जाए तो अकाउंट के छोटे बड़े मिला के बहुत सारे फायदे हैं, पर हम यहां कुछ विशेष चीजों के बारे में बताएंगे।

आपकी व्यवसाय स्मृति को संग्रह करना ( manage your accounts memory) 

किसी भी व्यक्ति को सभी बातो का याद रहना संभव नहीं है। जिस कारण कई गलतियां हो सकती हैं। व्यापार में हजारों तरीकों के लेन-देन, क्रय-विक्रय, नकद-उधार, वेतन-भत्ता और अन्य आवाजाही होती रहती हैं। जिन्हे याद रखने में अकाउंट हमारी सहायता करता हैं।

विश्लेषण में तेज प्रक्रिया (fast process in reports)

किसी भी तरह की रिपोर्ट को ये कुछ पलों में प्रस्तुत कर देता है। जिनसे आपको व्यापार की गतिविधि को जानने में आसानी होती हैं। जिन्हे एक इंसान के दिमाग द्वारा करना बहुत ही ज्यादा मुश्किल होता हैं।

बचाव

Accounts आपके टैक्स लायबिलिटी, पेनल्टी और समय को कम करने में सहायता करता हैं। इसके जरिए आप अपने टैक्स गतिविधि पर आसानी से नजर रख सकते और उसे कम कर सकते हैं। और कम समय में सब व्यवस्थित कर पेनल्टी से बच सकते हैं। और आपकी टैक्स से चिंता मुक्त रखता हैं।

लेखांकन के प्रकार (types of accounting in Hindi)

कई बार लोग अकाउंटिंग के प्रकार को लेकर कन्फ्यूज्ड हो जाते हैं। और अकाउंट के नियमों को उनके प्रकार में शामिल कर देते हैं। हम दोनो के बारे में विस्तार से जानेंगे।

Accounts के प्रकार

Financial accounting (वित्तीय लेखांकन)

किसी भी व्यापार के लेन देन का रिकॉर्ड रखना और उसको वर्गीकृत करना वित्तीय लेखांकन कहलाता हैं। इसका सारा डेटा भूतकाल में होता हैं ऐसा कह सकते की अतीत का या ऐतिहासिक डेटा होता हैं। और इसी डेटा के अनुसार वित्तीय विवरण तैयार किया जाता हैं। जैसे बैलेंस शीट, आय विवरण, कर इत्यादि। 

Generelly ये डेटा तैयार करने के लिए प्राइवेट कंपनियों को सरकार द्वारा निर्धारित कुछ नियमों का पालन करना होता हैं।

Cost accounting (लागत लेखांकन)

लागत लेखांकन या प्रबंधकीय लेखांकन के अन्तर्गत  निर्माण करने वाले उद्योग आते हैं। इस लेखांकन द्वारा किसी कम्पनी के संसाधन और लागत का मूल्यांकन आंतरिक रूप से किया जाता हैं।

साधारण भाषा में समझे तो किसी भी व्यापार को स्टार्ट करने से पहले एक अनुमानित आंकलन किया जाता हैं। जिसमे इस व्यापार में होने वाले सारे खर्चों को व्यवस्थित तरीके से प्रबंधित किया जाता हैं।

Forensic accounting (फ़ोरेसिंक लेखांकन)

अत्यधिक तेजी से लोकप्रिय हो रही फॉरेंसिक अकाउंटिंग कानूनी मामलों की कार्यवाही करने के लिए ज्यादा उपयोग की जा रही हैं। इसमें धोखाधड़ी, विवाद, कामचोरी जेसे मामले शामिल हैं।

fiduciary accounting (प्रत्ययी लेखा)


What is fiduciary accounting in Hindi?
प्रत्ययी लेखांकन क्या होता
हैं?

किसी व्यापार की संपति की समीक्षा के लिए इसका इस्तेमाल होता हैं। यह संपति को कलेक्ट करने के लिए तैयार की जाती हैं। इसके अन्तर्गत ट्रस्ट और प्राप्ति (दिवालियापन जैसी घटना के बाद संपति का निरीक्षण) शामिल हैं।

Management accounting (प्रबंधन लेखांकन)

इस लेखांकन का मुख्य उद्देश्य कंपनी के मालिक को कंपनी में हो रही गतिविधियों की जानकारी देना होता हैं। जिससे मालिक को अपने व्यापार के संचालन में निर्णय लेने के लिए आसानी होती हैं। इसके काम में भूतपूर्व लिए गए निर्णयों का निरीक्षण करना, पूर्वानुमानित बजट बनाना, वित्तीय लागत का विश्लेषण करना शामिल हैं।

Tax accounting (कर लेखांकन)

इसके अन्तर्गत व्यापार के लिए कर बजट बनाना होता हैं। यह सरकारी करों के अंतर्गत कानूनी रूप से राशि को कम करने में मदद करता हैं। इसके अन्तर्गत आयकर, जीएसटी, टीडीएस, वेल्थ टैक्स जेसे कई टैक्स शामिल हैं। 

Auditing (लेखा परीक्षा)

किसी भी वित्तीय गतिविधि की ट्रैकिंग और रिपोर्टिंग का विश्लेषण ही ऑडिटिंग कहलाता हैं। इसे किसी भी व्यापार द्वारा सरकारी नियमों के अंर्तगत हो रहे लेनदेन को चेक करने के लिए बनाया गया हैं। जिसे सिर्फ चार्टेड अकाउंटेंट ही कर सकते हैं 

Governmental accounting (सरकारी लेखांकन)

इसके अंतर्गत सरकारी संस्थान की अकाउंटिंग आती हैं। यह फंड जमा करने से लेकर सेवाओं में खर्च करने तक का रिकॉर्ड करते हैं। इसके लिए एक विशेष स्किल की आवश्यकता होती हैं। और इसमें कैरियर देखने वाले व्यक्ति इसमें विशेषज्ञता हासिल करते हैं।

Public accounting (सार्वजनिक लेखा)

Public accounting (सार्वजनिक लेखा) या पब्लिक के लिए अकाउंटिंग।
इसका उद्देश्य ग्राहक तक किसी भी कंपनी के वित्तीय परिणाम और स्तिथि को उचित रूप से प्रस्तुत करना है। समस्त वित्तीय विवरण और लेखा प्रणालियों की जांच करने के लिए उच्च शिक्षा के साथ पूछताछ करने वाली पर्सनेलिटी भी होनी चाहिए।

 लेखांकन के सुनहरे नियम (Golden Rules of Accounting)

अकाउंट को आसान करने के लिए इन्हें तीन भागों में बाटा गया हैं। जिन्हे निम्न व्यक्ती को भी अकाउंट आसानी से समझ आए।

१. व्यक्तिगत खाता (Personal Accounts)

इसके अंदर किसी भी व्यक्ती या व्यापार को लिया जाता हैं। जिसमे पाने वाले व्यक्ति को डेबिट और देने वाले व्यक्ति को क्रेडिट किया जाता हैं। उदाहरण के लिए : –
राम ने श्याम को २००००rs दिया तो
राम ने पैसा दिया हैं और देने वाले को क्रेडिट किया जाता हैं। श्याम को पैसा मिला है और पाने वाले को डेबिट किया जाता हैं।

२. वस्तुगत खाता या वास्तविक खाता (real Accounts)

इसके अन्तर्गत वस्तु को लिया जाता हैं। जेसे सामग्री और पैसा इत्यादि। इसमें जो वस्तु आती हैं उसे डेबिट किया जाता हैं और जो वस्तु जाती हैं उसे क्रेडिट किया जाता हैं। उदाहरण के लिए :-
गीता ने १०००० का सामान खरीदा
१००००rs वस्तु है जो हमारे पास आया हैं, आने वाली वस्तु डेबिट होती हैं। उसके सामने सामान गया हैं, और जाने वालीं वस्तु क्रेडिट होती हैं।

३. नाममात्र का खाता या लाभ-हानि खाता (nominal Accounts)

ये खाता बस नाम मात्र का होता हैं। इसमें कोई भी गतिविधि नही होती हैं। इसके अन्तर्गत सभी प्रकार के हानि और व्यय को डेबिट किया जाता हैं और लाभ और आय को क्रेडिट किया जाता हैं।

उदाहरण के लिए
आपको व्यापार मैं ५००० की हानि हुईं तो उसको डेबिट कर दो, और अगर लाभ हुआ तो क्रेडिट कर दो।
आपको व्यापार में कोई व्यय हो रहा हैं तो उसको क्रेडिट कर दो, और अगर कोई आय मिल रहा हैं तो उसे क्रेडिट कर दो।

निष्कर्ष

इस लेख के माध्यम से हमने बेसिक अकाउंट समझाने का प्रयास किया हैं। इस लेख में आपको कोई भी चीज समझ में न आया हो या कोई सजेशन हो तो कमेंट करके हमें बताएं।

आने वाले आर्टिकल्स में हम अकाउंट और टैक्सेशन को गहराई से जानेंगे।
और भी कही टॉपिक को कवर करेंगे

Account और Taxation से संबंधित किसी भी जानकारी को जानने के लिए हमे फॉलो करें।

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